% faiz03.s isongs output
\stitle{raaz-e-ulfat chhupaa ke dekh liyaa}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}
राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया
दिल बहोत कुछ जला के देख लिया
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लग के देख लिया
वो मेरे होके भी मेरे न हुए
उनको अपना बना के देख लिया
आज उनकी नज़र में कुछ हमने
सबकी नज़रें बचा के देख लिया
'फ़ैज़', तक़्मील-ए-ग़म भी हो न सकी
इश्क़ को आज़मा के देख लिया
ठे फ़ोल्लोविन्ग शेर इस फ़ोउन्द इन एअर्लिएर एदितिओन्स ओफ़ नक़्शे-फ़रियदि.
आस उस दर से टूटती ही नहीं
जा के देखा, न जा के देख लिया