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% faiz06.s isongs output
\stitle{Duaa aaiiye haath uThaae.n ham bhii}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}
आईये हाथ उठाएं हम भी
हम जिन्हें रस्म-ए-दुअ याद नहीं
हम जिंहें सोज़-ए-मोहब्बत के सिवा
कोई बुत, कोई ख़ुदा याद नहीं
आईये अर्ज़ गुज़रें कि निगार-ए-हस्ती
ज़हर-ए-इमरोज़ में शीरीनी-ए-फ़र्दाँ भर दे
वो जिंहें तबे गराँबारी-ए-अय्याम नहीं
उनकी पलकों पे शब-ओ-रोज़ को हल्का कर दे
जिनकी आँखों को रुख़-ए-सुभ का यारा भी नहीं
उनकी रातों में कोई शमा मुनव्वर कर दे
जिनके क़दमों को किसी रह का सहारा भी नहीं
उनकी नज़रों पे कोई राह उजागर कर दे
जिनका दीं पैरवी-ए-कज़्बो-रिया है उनको
हिम्मत-ए-कुफ़्र मिले, जुरत-ए-तहक़ीक़ मिले
जिनके सर मुंतज़िर-ए-तेग़-ए-जफ़ा हैं उनको
दस्त-ए-क़तिल को झटक देने की तौफ़ीक़ मिले
इश्क़ का सर्र-ए-निहाँ जान-तपाँ है जिस से
आज इक़रार करें और तपिश मिट जाये
हर्फ़-ए-हक़ दिल में ख़टकता है जो कँटे की तरह
आज इज़हार करें ओर ख़लिश मिट जाये
<टाब्ळे Wईड्टः = ४०%>
१४ आउगुस्त १९६७
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