% faiz12.s isongs output
\stitle{aaye kuchh abr kuchh sharaab aaye}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}
आये कुछ अब्र कुछ शराब आये
उस के बाद आये जो अज़ाब आये
%[azaab = trouble, difficulty]
बाम-ए-मीना से माहताब उतरे
दस्त-ए-साक़ी में आफ़्ताब आये
हर रग-ए-ख़ूँ में फिर चराग़ाँ हो
सामने फिर वो बेनक़ाब आये
उम्र के हर वरक़ पे दिल को नज़र
तेरी मेहेर-ओ-वफ़ा के बाब आये
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आये
न गैइ तेरे ग़म की सरदारी
दिल में यूं रोज़ इन्क़लाब आये
जल उठे बज़्म-ए-ग़ैर के दर-ओ-बाम
जब भी हम ख़ानमाँ_ख़राब आये
इस तरह अपनी ख़मशी गूँजी
गोया हर सिम्त से जवाब आये
'फ़ैज़' थी राह सर बसर मंज़िल
हम जहाँ पहुँचे कामयाब आये