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% faiz13.s isongs output
\stitle{ham par tumhaarii chaah kaa ilzaam hii to hai}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}
हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है
दुश्नाम तो नहीं है ये इकराम ही तो है
करते हैं जिस पे ता'न, कोई जुर्म तो नहीं
शौक़-ए-फ़ुज़ूल-ओ-उल्फ़त-ए-नकाम ही तो है
%[taa'n = satire]
दिल मुद्दैइ के हर्फ़-ए-मलामत से शाद है
अए जान-ए-जाँ ये हर्फ़ तेरा नाम ही तो है
%[harf-e-malaamat = word of criticism]
दिल ना-उम्मीद तो नहीं, न-काम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है
दस्त-ए-फ़लक में, गर्दिश-ए-तक़दीर तो नहीं
दस्त-ए-फ़लक में, गर्दिश-ए-अय्याम ही तो है
आख़िर तो एक रोज़ करेगी नज़र वफ़ा
वो यार-ए-ख़ुश्ख़साल सर-ए-बाम ही तो है
%[Kush_Kasaal = virtuous]
भीगी है रात 'फ़ैज़' ग़ज़ल इब्तिदा करो
वक़्त-ए-सरोद दर्द का हंगाम ही तो है
<टाब्ळे Wईड्टः = ४०%>
ंओन्तोगोमेर्य ज़ैल
९थ ंअर्च, १९५४
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