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% faiz18.s isongs output
\stitle{Bol  bol ki lab aazaad hai.n tere}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}



बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है
तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा
बोल कि जाँ अब तक तेरी है
देख के आहंगर की दुकाँ में
तुंद हैं शोले सुर्ख़ है आहन
खुलने लगे क़ुफ़्फ़लों के दहाने
फैला हर एक ज़न्जीर का दामन
बोल ये थोड़ा वक़्त बहोत है
जिस्म-ओ-ज़बाँ की मौत से पहले
बोल कि सच ज़िंदा है अब तक
बोल जो कुछ कहने है कह ले

%[sutawaa.N = well built; aaha.ngar = blacksmith; tu.nd = sharp (here it means bright);]
%[aahan = iron; quffalo.n ke dahaane = keyhole]