% faiz36.s isongs output
\stitle{kahii.n to kaaravaan-e-dard kii ma.nzil Thahar jaaye}
\singers{Faiz Ahmed Faiz}
कहीं तो कारवान-ए-दर्द की मंज़िल ठहर जाये
किनारे आ लगे उम्र-ए-रवाँ या दिल ठहर जाये
अमाँ कैसी कि मौज-ए-ख़ूँ अभी सर से नहीं गुज़री
गुज़र जाये तो शायद बाज़ू-ए-क़ातिल ठहर जाये
कोई दम बादबान-ए-कश्ती-ए-सहबा को तह रखो
ज़रा ठहरो ग़ुबार-ए-ख़ातिर-ए-महफ़िल ठहर जाये
हमारी ख़मोशी बस दिल से लब तक एक वक़्फ़ा है
ये तूफ़ाँ है जो पल भर बस लब-ए-साहिल ठहर जाये
निगाह-ए-मुंतज़िर कब तक करेगी आईनाबंदी
कहीं तो दश्त-ए-ग़म में यार का महमिल ठहर जाये