% fana01.s isongs output
\stitle{din guzar gayaa aitabaar me.n}
\lyrics{'Fana' Nizami Kanpuri}
\singers{'Fana' Nizami Kanpuri}
दिन गुज़र गया ऐतबार में
रात कट गयी इन्तज़ार में
वो मज़ा कहाँ वस्ल-ए-यार में
लुत्फ़ जो मिला इन्तज़ार में
उनकी इक नज़र काम कर गैइ
होश अब कहाँ होशियार में
मेरे कब्ज़ में आईना तो है
मैं हूँ आप के इख़्तियार में
आँख तो उठी फूल की तरफ़
दिल उलझ गया हुस्न-ख़ार में
तुमसे क्या कहें, कितने ग़म सहे
हम ने बे-वफ़ा तेरे प्यार में
फ़िक्र-ए-आशियाँ हर ख़िज़ाम की
आशियाँ जला हर बहार में
किस तरह ये ग़म भूल जाए हम
वो जुदा हुआ इस बहार में