% fani03.s isongs output
\stitle{ik muammaa hai samajhaane kaa na samajhane kaa}
\lyrics{Fani Badayuni}
\singers{Fani Badayuni}
% Contributed by Saleem A. Khanani
इक मुअम्मा है समझाने का न समझने का
ज़िंदगी कहे को है ख़्वाब है दीवाने का
ज़िंदगी भी तो पशेमाँ है यहाँ लाके मुझे
ढूँढती है कोई हीला मेरे मर जाने का
हड्डियाँ हैं कैइ लिपटी हुई ज़ंजिरों में
लिये जाते हैं जनाज़ा तेरे दीवाने का
तुम ने देखा है कभी घर को बदलते हुए रंग
आओ देखो न तमशा मेरे ग़ुम्ख़ाने का
अब इसे दार पे लेजा के सुला दे साक़ी
यूँ बेहकना नहीं अच्छा तेरे दीवाने का
हम ने छानी हैं बहोत दैर-ओ-हरम की गलियाँ
कहीं पाया न ठिकाना तेरे दीवाने का
हर नफ़स उम्र-ए-गुज़श्ता की है मय्यत "फ़नि"
ज़िंदगी नाम है मुड़ मुड़ के जिये जाने का