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% firaq01.s isongs output
\stitle{sar me.n saudaa bhii nahii.n dil me.n tamannaa bhii nahii.n}
\singers{Firaq Gorakhpuri #1}
% Additions by Abhay Ghaisas



सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं

%[saudaa = madness; tark-e-mohabbat = giving up of love]

यूँ तो हन्गामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़
मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं

मुद्दतें गुज़रीं तेरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं

ये भी सच है के मोहब्बत में नहीं मैं मजबूर
ये भी सच है के तेरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं

दिल की गिंती न यगनों में न बेगानों में
लेकिन इस जल्वागाह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं

%[yaganaa = kindred; begaanaa = stranger; jalvaagaah = place of manisfestation/gathering]

बदगुमाँ हो के मिल आई दोस्त जो मिलना है तुझे
ये झिझक्ते हुए मिलना कोइ मिलना भी नहीं

%[badagumaa.N = without doubt/suspicion]

शिक्वा-ए-जौर करे क्या कोई उस शोख़ से जो
साफ़ क़ायल भी नहीं साफ़ मुकर्ता भी नहीं

%[shikvaa-e-jaur = complain about oppression; qaayal = fond (of)]

मेहर्बानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त
आह मुझसे तो मेरी रंजिश-ए-बेजाँ भी नहीं

बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुस'अत-ए-सेहरा भि नहीं

%[vahashii = wild/untamed; zi.ndaa.N = prison; vusa'at = expanse]

मूँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते, के "फ़िराक़"
है तेरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं