% firaq10.s isongs output
\stitle{Gair kyaa jaaniye kyo.n mujhako buraa kahate hai.n}
\singers{Firaq Gorakhpuri #10}
ग़ैर क्या जानिये क्यों मुझको बुरा कहते हैं
आप कहते हैं जो ऐसा तो बजा कहते हैं
वाक़ई तेरे इस अंदाज़ को क्या कहते हैं
न वफ़ा कहते हैं जिस को न जफ़ा कहते हैं
हो जिंहें शक़ वो करें और ख़ुदाओं की तलाश
हम तो इंसान को दुनिया का ख़ुदा कहते हैं
तेरी सूरत नज़र आई तेरी सूरत से अलग
हुस्न को अहल-ए-नज़र हुस्न-नुमा कहते हैं
शिकवा-ए-हिज्र करें किस दिल से
हम ख़ुद अपने को भी अपने से जुदा कहते हैं
तेरी रुदाद-ए-सितम का है बयाँ ना-मुम्किन
फ़ायदा क्या है मगर यूँ ज़रा कहते हैं
लोग जो कुछ भी कहें तेरी सितम-कोशी को
हम तो इन बातों को अच्छा न बुरा कहते हैं
औरों का तजुर्बा जो कुछ हो मगर हम तो "फ़िरक़"
तल्ख़ी-ए-ज़ीस्त को जीने का मज़ा कहते हैं