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\stitle{dekhaa jo aa_iinaa to mujhe sochanaa pa.Daa}
\singers{Farag Roohvi}



देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा
ख़ुद से न मिल सका तो मुझे सोचना पड़ा

उस का जो ख़त मिला तो मुझे सोचना पड़ा
अपना-सा वो लगा तो मुझे सोचना पड़ा

मुझको था गुमाँ के मुझ में है एक अदा
देखी तेरी अदा तो मुझे सोचना पड़ा

दुनिया समझ रही थी के नाराज़ मुझसे है
लेकिन वो जब मिला तो मुझे सोचना पड़ा

इक दिन वो मेरे ऐब गिनाने लगा 'फ़रग'
जब ख़ुद ही थक गया तो मुझे सोचना पड़ा