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% ghalib25.s isongs output
\stitle{hazaaro.n Khvaahishe.n aisii ki har Khvaaish pe dam nikale}
\lyrics{Mirza Ghalib}
\singers{Mirza Ghalib}



हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाइश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अर्माँ लेकिन फिर भी कम निकले

डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उसकी गर्दन पर
वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले

%[chashm = eye; tar = wet; dam_ba_dam = continously]

निकलना ख़ुळ से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले

%[Kuld = Paradise; be-aabaruu = disgrace;  kuuchaa = street]

भरम  खुल  जाए ज़ालिम तेरे क़ामत की दराज़ी का
अगर इस तुर्रा-ए-पुरपेच-ओ-ख़म  का  पेच-ओ-ख़म निकले

%[qaamat = stature; daraazii = length/delay; turra = ornamental tassel worn in the turban]
%[pech-o-Kam = curls in the hair]

मगर लिखवाए कोई उसको ख़त तो हमसे लिखवाए
हुई सुबह और घर से कान पर रक्खर क़लम निकले

हुई इस  दौर में मंसूब  मुझसे बादा-अशामी
फिर आया वो ज़माना जो जहाँ से जाम-ए-जम निकले

%[ma.nsuub = association, baada_aashaamee = havign to do with drinks]

हुई जिनसे  तवक़्क़ो ख़स्तगी  की दाद पाने की
वो हमसे भी ज़ियादा ख़स्ता-ए-तेग़-ए-सितम निकले

%[tavaqqo = expectation; Kastagii = injury, daad = justice]
%[Kasta = broken/sick/injured, teG = sword, sitam = cruelity ]

मुहब्बत में नहीं  है फ़र्क़ जीने और  मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

ज़र कर  जोर  सीने  पर  कि  तीर-ए-पुर्सितम  निकले
जो वो निक्ले तो दिल  निकले जो दिल निकले तो दम निकले

ख़ुदा  के वास्ते  पर्दा  न  काबे  से  उठा ज़ालिम
ख़हीं ऐसा न हो याँ भी वही काफ़िर सनम निकले

ख़हाँ मैख़ाने क दरवाज़ा 'ग़्हलिब' और कहाँ वाइज़
पर इतना  जानते हैं  कल वो जाता था के हम निकले

%[vaaiz = preacher]