% ghalib38.s isongs output
\stitle{laazim thaa ki dekho meraa rastaa koii din aur}
\lyrics{Mirza Ghalib}
\singers{Mirza Ghalib}
लाज़िम था कि देखो मेरा रस्ता कोई दिन और
तन्हा गये क्यों अब रहो तन्हा कोई दिन और
%[laazim = necessary, tanhaa = alone ]
मिट जाएगा सर, गर तेरा पथ्थर न घिसेगा
हूँ दर पे तेरे नासियाफ़र्सा कोई दिन और
%[naasiyaa = forehead, farsaa = to kneel down and touch the forehead to the ground]
आए हो कल और आज ही कहते हो कि जाऊँ
माना कि हमेशा नहीं अच्चा कोई दिन और
जाते हुए कहते हो क़यामत को मिलेंगे
क्या ख़ूब! क़यामत का है गोया कोई दिन और
हाँ अए फ़लक-ए-पीर, जवाँ था अभी आरिफ़
क्या तेरा बिगड़ता जो न मरता कोई दिन और
%[falak-e-piir = referring to God]
तुम माह-ए-शब-ए-चर्दुहुम थे मेरे घर के
फिर क्यों न रहा घर का वो नक़्शा कोई दिन और
%[maah-e-shab-e-char_duhum = moon of the fourteenth night]
तुम कौन से ऐसे थे खरे दाद-ओ-सितद के
करता मलकुल्मौत तक़ाज़ा कोई दिन और
%[daad = justice, sitad = to take; malak_ul_maut = angel of death]
मुझसे तुम्हें नफ़्रत सही, नय्यर से लड़ाई
बछों का भी देखा न तमाशा कोई दिन और
गुज़री न बहर्हाल या मुद्दत ख़ुशी-नाख़ुश
करना था जवाँ_मर्ग! गुज़ारा कोई दिन और
%[javaa.N_marg = one who dies young]
नादाँ हो जो कहते हो कि क्यों जीते हो 'ग़्हलिब'
क़िस्मत में है मरने की तमन्ना कोई दिन और