% ghalib47.s isongs output
\stitle{nuktaachii.N hai Gam-e-dil us ko sunaae na bane}
\lyrics{Mirza Ghalib}
\singers{Mirza Ghalib}
नुक्ताचीँ है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने
क्या बने बात जहाँ बात बनाए न बने
%[nuktaachii.N = critic/sweetheart ]
मैं बुलाता तो हूँ उस को मगर अए जज़्बा-ए-दिल
उस पे बन जाए कुछ ऐसी कि बिन आए न बने
खेल समझा है कहीं छोड़ न दे, भूल न जाए
काश यूँ भी हो कि बिन मेरे सताए न बने
ग़ैर फिरता है लिए यूँ तेरे ख़त को कि अगर
कोई पूछे कि ये क्या है तो छुपाए न बने
इस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या
हाथ आएं तो उंहें हाथ लगाए न बने
%[nazaakat = elegance]
कह सके कौन कि ये जल्वागरी किसकी है
पर्दा छोड़ा है वो उसने कि उठाए न बने
%[jalvaa_garii = manifestation ]
मौत की राह न देखूँ कि बिन आए न रहे
तुम को चाहूँ कि न आओ तो बुलाए न बने
बोझ वो सर पे गिरा है कि उठाए न उठे
काम वो आन पड़ा है कि बनाए न बने
इश्क़ पर ज़ोर नहीं, है ये वो आतिश 'ग़्हलिब'
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
%[aatish = fire ]