% ghalib76.s isongs output
\stitle{phir is a.ndaaz se bahaar aa_ii}
\lyrics{Mirza Ghalib}
\singers{Mirza Ghalib}
फिर इस अंदाज़ से बहार आई
के हुये मेहर-ओ-माह तमाशाई
%[mehar-o-maah = sun and moon]
देखो ऐ सकिनान-ए-खित्ता-ए-ख़ाक
इस को कहते हैं आलम-आराई
%[sakinaan-e-khittaa-e-Kaak = dwellers of this earth]
%[aalaam = world; aaraa_ii = ornament]
के ज़मीं हो गई है सर ता सर
रूकश-ए-सतहे चर्ख़े मिनाई
%[sar taa sar = infinite]
%[ruukash-e-satah-e-charK-e-minaa_ii = a sky full of stars]
सब्ज़े को जब कहीं जगह न मिली
बन गया रू-ए-आब पर काई
%[sabze = greenery; ruu-e-aab = water surface; kaa_ii = moss]
सब्ज़-ओ-गुल के देखने के लिये
चश्म-ए-नर्गिस को दी है बिनाई
%[sabz-o-gul = greenery and flower (flora)]
%[chashm-e-nargis = Nargis is a flower which is shaped like an eye]
%[binaa_ii = sight]
है हवा में शराब की तासीर
बदानोशी है बाद पैमाई
%[taasiir = effect; baadaanoshii = to drink wine]
%[baad paimaa_ii = to take a measure of the wind]
क्यूँ न दुनिया को हो ख़ुशी "ग़्हलिब"
शाह-ए-दींदार ने शिफ़ा पई
%[shaah-e-dii.ndaar = pious/religious king; shifaa = regain health after an illness]
णोते: ठिस इस अ 'क़ताह' व्रित्तेन ब्य ग़्हलिब अफ़्तेर बहदुर षह ज़फ़र'स सोन (डर षिकोह ई थिन्क बुत ई अम नोत सुरे) रेचोवेरेद फ़्रोम व्हत मन्य थोउघ्त वोउळ बे अ फ़तल इल्ल्नेस्स. ठे रेचोवेर्य ओफ़ थे प्रिन्चे इस एक़ुअतेद तो थे रेतुर्न ओफ़ स्प्रिन्ग, अन्द नतुरे इन अल्ल इत्स बेऔत्य सेएम्स तो बे चेलेब्रतिन्ग अलोन्ग विथ थे रेस्त ओफ़ थे वोर्ळ. Sओमे सय इत वस थे एम्पेरोर हिम्सेल्फ़ व्होसे रेचोवेर्य प्रोम्प्तेद थिस क़ताह फ़्रोम ग़्हलिब.
ग़्हलिब इस नोत क्नोव्न तो बे अ 'नतुरे' पोएत. ठिस इस ओने ओफ़ थे ररे इन्स्तन्चेस व्हेरे हे हस उसेद हिस पोएतिच स्किल्ल्स तो देस्चिबे नतुरे.