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% gondvi04.s isongs output
\stitle{ye raaz hai merii zi.ndagii kaa}
\singers{Asghar Gondvi}
ये राज़ है मेरी ज़िंदगी का
पहने हुये हूँ कफ़न ख़ुदी का
फिर नश्तर-ए-ग़म से छेड़ते हैं
इक तर्ज़ है ये भी दिल दही का
ओ लफ़्ज़-ओ-बयाँ में छुपने वाले
अब क़स्द है और ख़ामोशी का
मरना तो है इब्तदा की इक बात
जीना है कमाल मुंतही का
हाँ सीना गुलों की तरह कर चाक
दे मर के सबूत ज़िंदगी का