ACZoom Home | ITRANS | ITRANS Song Book |
% gulzar04.s isongs output
\stitle{qadam usii mo.D par jame hai.n}
\lyrics{Gulzar}
\singers{Gulzar}
क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
नज़र समेटे हुए खड़ा हूँ
जुनूँ ये मजबूर कर रहा है पलटके देखूँ
ख़ुदी ये कहती है मोड़ मुड़ जा
अगर्चे एहसास कह रहा है
खुले दरीचे के पीछे दो आँखें झाँकती हैं
अभी मेरे इन्तज़ार में वो भी जागती है
कहीं तो उसके गोशा-ए-दिल में दर्द होगा
उसे ये ज़िद है कि मैं पुकारूँ
मुझे तक़ाज़ा है वो बुला ले
क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
नज़र समेते हुए खड़ा हूँ