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\stitle{ek paravaaz dikhaa_ii dii hai}
\singers{Gulzar #8}



एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी हैइ

जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है

सिर्फ़ एक सफ़ाह पलट कर उस ने
बीती बातों की सफ़ाई दी है

फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है

आग ने क्या क्या जलाया है शव पर
कितनी ख़ुस-रंग दिखाई दी है