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\stitle{zi.ndagii ko na banaa le.n vo sazaa mere baad}
\lyrics{Nasir Kazmi}
\singers{Nasir Kazmi}
ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद
हौसला देना उंहें मेरे ख़ुदा मेरे बाद
हाथ उठते हुए उन के न कोई देखेगा
किस के आने की करेंगे वो दुआ मेरे बाद
कौन घूंगट को उठाएगा सितम्गर कह कर
और फिर किस से करेंगे वो हया मेरे बाद
फिर ज़माने में मुहब्बत की न पुर्सिश होगी
रोयेगी सिस्कियाँ ले ले के वफ़ा मेरे बाद
वो जो कहता था के "णसिर" के लिये जीता हूँ
उस का क्या जानिये क्या हाल हुआ मेरे बाद