ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% hali02.s isongs output
\stitle{hai justajuu ke Khuub se hai Khuubtar kahaa.N}
\lyrics{Altaf Husain Hali}
\singers{Altaf Husain Hali}



है जुस्तजू के ख़ूब से है ख़ूब्तर कहाँ
अब देखिये ठहरती है जा कर नज़र कहाँ

यारब इस इख़्तिलात क अन्जाम हो बाख़ैर
थ उस को हम से रब्त, मगर इस क़दर कहाँ

इक उम्र चाहीये के गवारा हो नैश-ए-इश्क़
रक्खी है आज लज़्ज़त-ए-ज़ख़्म-ए-जिगर कहाँ

हम जिस पे मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझसे लाख सही तू मगर कहाँ

होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ की
दिल चाहता न हो तो ज़ुबाँ में असर कहाँ

'ःअलि' निशात नग़्मा-ओ-मै ढूँढते हो अब
आए हो वक़्त-ए-सुब्ह, रहे रात भर कहाँ