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\stitle{tum aur fareb khaao bayaan-e-raqiib se}
\lyrics{Aga Hashr}
\singers{Aga Hashr}
तुम और फ़रेब खाओ बयान-ए-रक़ीब से
तुम से तो कम गिला है ज़ियादा नसीब से
गोया तुम्हारी याद ही मेरा इलाज है
होता है पहरों ज़िक्र तुम्हारा तबीब से
बर्बाद-ए-दिल का आख़री सरमाया थी उम्मीद
वो भी तो तुम ने छीन लिया मुझ ग़रीब से
धुँधला चली निगाह, दम-ए-वापसी है अब
आ पास आ के देख लूँ तुझ को क़रीब से