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\stitle{chupake chupake raat din aa.Nsuu bahanaa yaad hai}
\singers{Hasrat Mohani #1}



चुपके चुपके रात दिन आँसू बहना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

बाहज़ाराँ इज़्तिराब-ओ-सद-हज़ाराँ इश्तियाक़
तुझसे वो पहले पहल दिल का लगाना याद है

तुझसे मिलते ही वो बेबाक हो जाना मेरा
और तेरा दातों में वो उँगली दबाना याद है

खींच लेना वो मेरा पर्दे का कोना दफ़्फ़ातन
और दुपट्टे से तेरा वो मूँह छुपाना याद है

जान कर सोता तुझे वो क़स-ए-पाबोसी मेरा
और तेरा ठुकरा के सर वो मुस्कुराना याद है

तुझ को जब तंहा कभी पाना तो अज़्राहे-लिहाज़
हल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है

जब सिवा मेरे तुम्हारा कोई दीवाना न था
सच कहो क्या तुम को भी वो कार्ख़ाना याद है

ग़ैर की नज़रों से बचकर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
वो तेरा चोरी छिपे रातों को आना याद है

आ गय गर वस्ल की शब भी कहीं ज़िक्र-ए-फ़िराक़
वो तेरा रो रो के मुझको भी रुलाना याद है

दो-पहर की धूप में मेरे बुलाने के लिये
वो तेरा कोथे पे नंगे पाओं आना याद है

देखना मुझको जो बर्गश्ता तो सौ सौ नाज़ से
जब मना लेना तो फिर ख़ुद रूठ जाना याद है

चोरि चोरि हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो थिकाना याद है

बेरुख़ी के साथ सुनाना दर्द-ए-दिल की दस्ताँ
और तेरा हथों में वो कंगन घुमाना याद है

वक़्त-ए-रुख़्सत अल्विदा का लफ़्ज़ कहने के लिये
वो तेरे सुखे लबों का थर-थराना याद है

बावजूद-ए-इद्दा-ए-इत्तक़ा 'ःअस्रत' मुझे
आज तक अहद-ए-हवस का ये फ़साना याद है