ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% hasrat03.s isongs output
\stitle{phir bhii hai tumako masihaa_ii kaa daavaa dekho}
\lyrics{Hasrat Mohani}
\singers{Hasrat Mohani}
% Contributed by ZoyaAK



फिर भी है तुमको मसिहाई का दावा देखो
मुझको देखो, मेरे मरने की तमन्ना देखो

जुर्म-ए-नज़्ज़ारा पे कौन इतनी ख़ुशामद करता
अब वो रूठे हैं लो और तमाशा देखो

दो ही दिन में वो बात है  न वो चाह न प्यार
हम ने पहले हि ये तुम से न कहा था देखो

हम न कहते थे बनावट से है सारा ग़ुस्सा
हँस के लो फिर वो उंहों ने  हमें देखा देखो

मस्ती-ए-हुस्न से अपनी भी नहीं तुम को ख़बर
क्या सुनो अरज़ मेरी, हाल मेरा क्या देखो

घर से हर वक़्य निकल आते हो खोले हुए बाल
शाम देखो न मेरी जान सवेरा देखो

ख़ाना-ए-जाँ में नमुदार है एक पैकर-ए-नूर
हसरतो आओ रुख़-ए-यार का जल्वा देखो

सामने सब के मुनासिन नहीं हम पर ये इताब
सर से ढल जाए न ग़ुस्से में दुपट्टा देखो

मर मिटे हम तो कभी याद भी तुम ने न किया
अब मुहब्बत का न करना कभी दावा देखो

दोस्तो तर्क-ए-मुहब्बत की  नसीहत है फ़ज़ूल
और न मानो तो दिल-ए-ज़ार को समझा देखो

सर कहीं बाल कहीं हाथ कहीं पाँओ कहीं
उस का सोना भी है किस शान का सोना देखो

अब वो शोख़ी से ये कहते हैं सितमगर जो हैं हम
दिल किसी और से कुछ रोज़ बहला देखो

हवस-ए-दीद मिटी है न मिटेगी "ःअस्रत"
देखने के लिये चाहो उंहें जितना देखो