ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% hasrat07.s isongs output
\stitle{kaise chhupaauu.N raaz-e-Gam diidaa-e-tar ko kyaa karuu.N}
\singers{Hasrat Mohani #7}



कैसे छुपाऊँ राज़-ए-ग़म दीदा-ए-तर को क्या करूँ
दिल की तपिश को क्या करूँ सोज़-ए-जिगर को क्या करूँ

शोरिश-ए-आशिक़ी कहाँ और मेरी सादगी कहाँ
हुस्न को तेरे क्या कहूँ अपनी नज़र को क्या कहूँ

ग़म का न दिल में हो गुज़र वस्ल की शब हो यूँ बसर
सब ये क़ुबूल है मगर ख़ौफ़-ए-सहर को क्या करूँ

हाल मेरा था जब बुतर तब न हुई तुम्हें ख़बर
बाद मेरे हुआ असर अब मैं असर को क्या करूँ