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\stitle{kuchh is tarah se nazar se guzar gayaa koii}
\lyrics{Hafeez Hoshiarpuri}
\singers{Hafeez Hoshiarpuri}



कुछ इस तरह से नज़र से गुज़र गया कोई
कि दिल को ग़म का सज़ावार कर गया कोई

दिल-सितम-ज़दा को जैसे कुछ हुआ ही नहीं
ख़ुद अपने हुस्न से यूँ बेख़बर गया कोई

निगाह-ए-शौक़ की महरूमियों से नावाक़िफ़
निगाह-ए-शौक़ पे इल्ज़ाम धर गया कोई

अब उनके हुस्न में हुस्न-ए-नज़र भी शामिल है
कुछ और मेरी नज़र से सँवर गया कोई

किसी के पाँव की आहट, कि दिल की धड़कन थी
हज़ार बार उठा सू-ए-दर गया कोई

नसीब-ए-अहल-ए-वफ़ा ये सुकून-ए-दिल तो न था
ज़रूर नाला-ए-दिल बे-असर गया कोई