% himayat03.s isongs output
\stitle{is baar vo milaa to ajiib us kaa r.ang thaa}
\singers{Himayat Ali Shayar #3}
इस बार वो मिला तो अजीब उस का रऽन्ग था
अल्फ़ाज़ में तरंग न लहजा दबंग थ
%[alfaaz = words (plural of lafz); lahajaa = manner]
एक सोच थी कि बिखरी हुई ख़ाल-ओ-ख़द में थी
एक दर्द था कि जिस का शहीद अंग-अंग था
%[Kaal-o-Kad = body]
एक आग थी कि राख में पोशिदा थी कहीं
एक जिस्म था कि रूह से मसरूफ़-ए-जंग था
%[poshiidaa = hidden; masaruuf = busy in/involved with]
मैं ने कहा कि यार तुम्हें क्या हुआ है ये
उस ने कहा कि उम्र-ए-रवाँ की अता है ये
%[umr-e-ravaa.N = life in passing; ataa = gift]
मैं ने कहा कि उम्र-ए-रवाँ तो सभी की है
उस ने कहा कि फ़िक्र-ओ-नज़र की अता है ये
मैं ने कहा कि सोचता रहत तो मैं भी हूँ
उस ने कहा कि आईना रखा हुआ है ये
देखा तो मेरा अपना ही अक्स-ए-जमाल था वो
वो मैं था और "ःइमयत आलि" था वो