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\stitle{vo apane chehare me.n sau afataab rakhate hai.n}
\singers{Hasrat Jaipuri #1}



वो अपने चेहरे में सौ अफ़ताब रखते हैं
इस लिये तो वो रुख़ पे नक़ाब रखते हैं

वो पास बैठे तो आती है दिलब\rubaa ख़ुश्बू
वो अपने होठों पे खिलते गुलाब रखते हैं

हर एक वर्क़ में तुम ही तुम हो जान-ए-महबूबी
हम अपने दिल की कुछ ऐसी किताब रखते हैं

जहान-ए-इश्व में सोहनी कहीं दिखाई दे
हम अपनी आँख में कितने चेबाब रखते हैं