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% iqbal10.s isongs output
\stitle{ko_ii samajhaayiye ki kyaa ra.ng hai maiKhaane kaa}
\singers{Allama Iqbal}



कोई समझायिये कि क्या रंग है मैख़ाने का
आँख साक़ी की उठे, नाम हो पैमाने का

गर्मी-ए-शमा का अफ़साना सुनानेवालो
रक़्स देखा नहीं तुम ने अभी परवाने का

%[garmii-e-shamaa = shamaa kii garmii; raqs = dance]

चश्म-ए-साक़ी मुझे हर जाम पे याद आती है
रास्ता भूल न जाऊँ कहीं मैख़ाने का

%[chashm-e-saaqii = saaqii kii nazar]

अब तो हर शाम गुज़रती है इसी कूचे में
ये नतीजा हुआ नासेह तेरे समझाने का

%[kuuchaa = street; natiijaa = result; naaseh = advisor]

अब तो हर मंज़िल से गुज़र्ना तो है आसाँ "ईक़्बल"
इश्क़ है नाम ख़ुद अपने से गुज़र जाने का