% jakhtar08.s isongs output
\stitle{ye bataa de mujhe zi.ndagii}
\lyrics{Javed Akhtar}
\singers{Javed Akhtar}
ये बता दे मुझे ज़िंदगी
प्यार की राह के हमसफ़र
किस तरह बन गये अजनबी
ये बता दे मुझे ज़िंदगी
फूल क्यूँ सारे मुर्झा गये
किस लिये बुझ गई चाँदनी
ये बता दे मुझे ज़िंदगी
कल जो बाहों में थी
और निगाहों में थी
अब वो गर्मी कहाँ खो गई
न वो अंदाज़ है
न वो आवाज़ है
अब वो नर्मी कहाँ खो गई
ये बता दे मुझे ज़िंदगी
बेवफ़ा तुम नहीं
बेवफ़ा हम नहीं
फिर वो जज़्बात क्यों सो गये
प्यार तुम को भी है
प्यार हम को भी है
फ़ासले फिर ये क्या हो गये
ये बता दे मुझे ज़िंदगी