% jakhtar12.s isongs output
\stitle{dil me.n mahak rahe.n hai.n kisii aarazuu ke phuul}
\singers{Javed Akhtar #12}
दिल में महक रहें हैं किसी आरज़ू के फूल
पलकोन में खिलने वाले हैं शायद लहू के फूल
अब तक है कोई बात मुझे याद हर्फ़ हर्फ़
अब तक मैं चुन रहा हूँ किसी गुफ़्तगू के फूल
%[harf-harf = each and every letter (of the alphabet)]
%[guftaguu = conversation]
कलियाँ चटक रही थी कि आवाज़ थी कोई
अब तक सम'अतों में है इक ख़ुश-गुलू के फूल
%[sama'ato.n = hearing; Kush-guluu = one with sweet voice]
मेरे लहू का रंग है हर नोक-ए-ख़ार पर
सेहरा में हर तरफ़ है मेरी जुस्तजू के फूल
%[nok-e-Kaar = tip of the thorn; seharaa = desert/wilderness]
दीवाने कल जो लोग थे फूलों के इश्क़ में
अब उन के दामनों में भरे हैं रफ़ू के फूल