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\stitle{isii chaman me.n hii hamaaraa bhii ik zamaanaa thaa}
\lyrics{Jigar Moradabadi}
\singers{Jigar Moradabadi}



इसी चमन में ही हमारा भी इक ज़माना था
यहीं कहीं कोई सादा सा आशियाना था

नसीब अब तो नहीं शाख़ भी नशेमन की
लदा हुआ कभी फूलों से आशियाना था

तेरी क़सम अरे ओ जळ रूठनेवाले
गुरूर-ए-इश्क़ न था नाज़-ए-आशिक़ाना था

तुम्हीं गुज़र गये दामन बचाकर वर्ना यहाँ
वही शबब वही दिल वही ज़माना था