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% kazalbash03.s isongs output
\stitle{jagamagaate shahar kii raanaa_iiyo.n me.n kyaa na thaa}
\lyrics{Ameer Kazalbash}
\singers{Ameer Kazalbash #3}



जगमगाते शहर की रानाईयों में क्या न था
ढूँढने निकला था जिस को मैं वही चेहरा न था

रेत पे लिखे हुये नामों को पड़कर देख लो
आज तनहा रह गया हूँ, कल मगर ऐसा न था

हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही
फ़ासला बड़ जायेगा इतना कभी सोचा न था

फ़िक्र के दर पे कोई आहाट कोई दस्तक नहीं
वो फ़क़त बीमार जिस का कोई हमसाया न था

%[faqat = merely]

छोड़ आया जिन सफ़ीनों को तलातुम के क़रीब
नाख़ुदा उन में तेरा शायद कोई अपना न था

%[safiina = boat; talaatum = whirlpool; naaKudaa = boatsman]