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\stitle{daaG duniyaa ne diye zaKhm zamaane se mile}
\singers{Kaif Bhopali #4}
% Contributed by Ajay Chandran



दाग़ दुनिया ने दिये ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को ये तोहफ़े तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरस्ते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

कैसे माने के उन्हें भूल गया तू ऐ 'ख़ैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सरहाने से मिले