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\stitle{nazar milaa na sake us se us nigaah ke baad}
\lyrics{Krishan Bihari Noor}
\singers{Krishan Bihari Noor}
% Contributed by: Fayaz Razvi



नज़र मिला न सके उस से उस निगाह के बाद
वही है हाल हमारा जो हो गुनाह के बाद

मैं कैसे और किस सिम्त मोड़ता ख़ुद को
किसी कि चाह न थी दिल में तेरी चाह के बाद

ज़मीर काँप तो जता है आप कुछ भी कहें
वो हो गुनाह से पहले के हो गुनाह के बाद

कटी हुई थीं तनाबें तमाम रिश्तों की
छुपाता सर मैं कहाँ तुझसे रस्म-ओ-राह के बाद

हवस ने तोड़ दी बरसों की साधना मेरी
गुनाह किया है ये जना मगर गुनाह के बाद

गवाह चाह रहे थे वो बेगुनाही का
ज़ुबाँ से कह न सका कुछ ख़ुदा-गवाह के बाद

ख़तूत कर दिये वापस मगर मेरी नींदें
इंहें भी छोड़ दो इक रहम की निगाह के बाद