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% khumar02.s isongs output
\stitle{haal-e-Gam unako sunaate jaayiye}
\lyrics{Khumar Barabanqvi}
\singers{Khumar Barabanqvi}
% Contributed by Fayaz Razvi



हाल-ए-ग़म उनको सुनाते जायिये
शर्त ये है के मुस्कुराते जायिये

आप को जाते न देखा जाएगा
शम्मा को पहले बुझाते जायिये

शुक्रिया लुत्फ़-ए-मुसलसल का मगर
गाहे गाहे दिल को दुखाते जायिये

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जायिये

रौश्नी महदूद हो जिनकी 'ख़ुमार'
उन चराग़ों को बुझाते जायिये