% khumar04.s isongs output
\stitle{ek pal me.n ek sadii kaa mazaa ham se puuchhiye}
\lyrics{Khumar Barabanqvi}
\singers{Khumar Barabanqvi}
% Contributed by Fayaz Razvi
एक पल में एक सदी का मज़ा हम से पूछिये
दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछिये
भूले हैं उंहें रफ़्ता रफ़्ता मुदत्तों में हम
क़िश्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिये
आग़ाज़-ए-आशिक़ी का मज़ा आप जानिये
अंजाम-ए-आशिक़ी का मज़ा हम से पूछिये
जलते दियों में जलते घरों जैसे ज़ौ कहाँ
सरकर रौश्नी का मज़ा हम से पूछिये
वो जान ही गए के हमें उन से प्यार है
आँखों की मुख़्बरी का मज़ा हम से पूछिये
हँसने का शौक़ हम को भी था आप की तरह
हँसिये मगर हँसी का मज़ा हम से पूछिये
हम तौबा कर के मर गए बेमौत ऐ "ख़ुमर"
तौहीन-ए-मैकशी का मज़ा हम से पूछिये