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% khumar08.s isongs output
\stitle{na haaraa hai ishq na duniyaa thakii hai}
\singers{Khumar Barabanqvi}
% Contributed by Fayaz Razvi
न हारा है इश्क़ न दुनिया थकी है
दिया जल रहा है हवा चल रही है
सुकून ही सुकून है ख़ुशी ही ख़ुशी है
तेरा ग़म सलामत मुझे क्या कमी है
चराग़ों के बदले मकाँ जल रहे हैं
नया ह ज़माना नई रौशनी है
अरे ओ जफ़ाओं पे चुप रहने वालो
ख़ामोशी जफ़ाओं की ताइद भी है
ंएरे रहबर मुझको गुमराह कर दे
Sउना है कि मंज़िल क़रीब आ गई है
'ख़ुमर' एक बालानोश तू और तौबा
तुझे ज़ाहिदों की नज़र लग गई है