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% khumar11.s isongs output
\stitle{ai maut! u.nhe.n bhulaaye zamaane guzar gaye}
\singers{Khumar Barabanqvi}



ऐ मौत! उंहें भुलाये ज़माने गुज़र गये
आ जा कि ज़हर खाये ज़माने गुज़र गये

ऑ जाने वाले आ कि तेरे इंतज़ार में
रस्ते कि घर बनाये ज़माने गुज़र गये

ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाये ज़माने गुज़र गये

क्या लायक़-ए-सितम भी नहीं अब मैं दोस्तों
पत्थत भी घर में आये ज़माने गुज़र गये

जाने बहार फूल नहीं आदमी हूँ मैं
आ जा कि मुस्कुराये ज़माने गुज़र गये

क्या क्या तवक़्क़ो'अत थी आहों से ऐ "ख़ुमर"
ये तीर भी चलाये ज़माने गुज़र गये