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\stitle{husn jab meharbaa.N ho to kyaa kiijiye}
\singers{Khumar Barabanqvi}



हुस्न जब मेहर्बाँ हो तो क्या कीजिये
इश्क़ की मग़्फ़िरत की दुआ कीजिये

इस सलीक़े से उं से गिला कीजिये
जब गिला किजिये हँस दिया किजिये

दूसरों पे अगर तब्सीरा कीजिये
सामने आईना रख लिया कीजिये

आप सुख से हैं तर्क-ए-त'अल्लुक़ के बाद
इतनी जळी न ये फ़ैसला कीजिये

कोई धोखा न खा जाये मेरी तरह
ऐसे खुल के न सब से मिला कीजिये

अक़्ल-ओ-दिल अपनी अपनी कहें जब "ख़ुमर"
अक़्ल की सुनिये, दिल का कहा कीजिये