% khwaja02.s isongs output
\stitle{ham tujh se kis havas kii falak justajuu kare.n}
\singers{Khwaja Mir Dard #2}
हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तजू करें
दिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरज़ू करें
मिट जायें एक आन में कसरत नमयाँ
हम आईने के सामने आ कर जो हू करें
तार-दामनि पे शेइख़ हमारी न जाईओ
दामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वज़ू करें
सर ता क़दम ज़बाँ है जूँ शमा गो के हम
पर ये कहाँ मजाल जो कुछ गुफ़्तगू करें
हर चंद आईना हूँ पर इतना न क़बूल
मूँह फेर ले वो जिसके मुझे रू-ब-रू करें
ने गुल को है सबात ने हम को ऐतबार
किस बात पर चमन हवस-ए-रन्ग-ओ-बू करें
है अपनी ये सलाह के सब ज़हिदान-ए-शहर
ऐ "डर्द" आ के बेत-ए-दस्त-ए-सबू करें