% khwaja08.s isongs output
\stitle{tohamate.n cha.nd apane zimme dhar chale}
\singers{Khwaja Mir Dard #8}
तोहमतें चंद अपने ज़िम्मे धर चले
जिस लिये आए थे सो हम कर चले
ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है
हम तो इस जीने के हाथों मर चले
क्या हमें काम इस गुलों से ऐ सबा
एक दम आए इधर उधर चले
दोस्तो देखा तमाशा याँ का सब
तुम रहो ख़ुश हम तो अपने घर चले
आह बस जी मत जला तब जानिये
जब कोई अफ़्सुन तेरा उस पार चले
शमा की मानिंद हम इस बज़्म में
चश्म-नम आए थे दामन-तर चले
ढूँधते हैं आप से उसको परे
शेख़ साहिब छोड़ घर बाहर चले
हम जहाँ में आए थे तन्हावाले
साथ अपने अब उसे लेकर चले
जूँ शरार ऐ हस्ति-ए-बेबुद याँ
बारे हम भी अपनी बारी भर चले
एक मैं दिल रेश हूँ वैसा ही दोस्त
ज़ख़्म कितनों का सुना है भर चले
हम न जाने पाए बाहर आप से
वो भी आड़े आ गया जिधर चले
साक़ीया याँ लग रहा है चल चलाओ
जब तलक बस चल सके साग़र चले
"डर्द" कुछ मालूम है ये लोग सब
किस तरफ़ से आए थे किधर चले