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\stitle{har goshaa gulistaa.N thaa kal raat jahaa.N mai.n thaa}
\singers{Khalid Kuwaiti}



हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था
एक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था

नग़्में थे हवाओं में जदू था फ़िज़ाओं में
हर सांस ग़ज़ल्फ़ाँ था कल रात जहाँ मैं था

दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफ़ाँ था कल रात जहाँ मैं था

महताब था बाहों में जल्वे थे निगाहों में
हर सिम्त चराग़ाँ था कल रात जहाँ मैं था