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\stitle{mujh me.n jo kuchh achchhaa hai sab us kaa hai}
\singers{Kashmirilal Zakir}



मुझ में जो कुछ अच्छा है सब उस का है
मेरा जितना चर्चा है सब उस्का है

उस का मेरा रिश्ता बड़ा पुराना है
मैं ने जो कुछ सोचा है सब उस का है

मेरी आँखें उस की नूर से रोशन हैं
मैं ने जो कुछ देखा है सब उस का है

मैं ने जो कुछ खोया था सब उस का था
मैं ने जो कुछ पाया है सब उस्का है

जितनी बार मैं टूटा हूँ वो टूटा था
इधर उधर जो बिखरा है सब उस का है