% machhli02.s isongs output
\stitle{subah-dam yuu.N hii fasurdaa ho gayaa}
\singers{Salaam Machhli Shehri #2}
सुबह-दम यूँ ही फ़सुर्दा हो गया
ऐ दिल-ए-नाज़ुक तुझे क्या हो गया
%[fasurdaa = sad]
सीना-ए-बरनत से शोला सा उठा
ग़म-ज़दों के दिल का नग़्मा हो गया
%[baranat = a musical instrument]
शुक्रिया ऐ गर्दिश-ए-जाम-ए-शराब
मैं भरी महफ़िल में तन्हा हो गया
%[gardish-e-jaam-e-sharaab = round of drinks]
रात दिल को था सहर का इंतज़ार
अब ये ग़म है क्यों सवेरा हो गया
%[sahar = dawn]
बुझ गई कुछ इस तरह शम-ए-"Sअलाम"
जैसे इक बीमार अच्छा हो गया