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\stitle{rishtaa ye kaisaa hai naataa ye kaisaa hai}
\singers{Madanpal}



रिश्ता ये कैसा है नाता ये कैसा है
पहचान जिस से नहीं थी कभी
अपना बना है वही अजनबी
रिश्ता ये कैसा है नाता ये कैसा है

तुम्हें देखते ही रहूँ मैं
मेरे सामने यूँ ही बैठे रहो तुम
करूँ दिल की बातें मैं ख़ामोशियों से
और अपने लबों से न कुछ भी कहो तुम

ये रिश्ता है कैसा ये नाता है कैसा
तेरे तन की ख़ुश्बू भी लगती है अपनी
ये कैसी लगन है ये कैसा मिलन है
तेरे दिल की धड़कन भी लगती है अपनी

तुम्हें पाके महसूस होता है ऐसे
के जैसे कभी हम जुदा ही नहीं थे
ये माना के जिस्मों के घर तो नये हैं
मगर है पुराने ये बँधन दिलों के