% majaz03.s isongs output
\stitle{rah-e-shauq se ab haTaa chaahataa huu.N}
\singers{Majaz #3}
रह-ए-शौक़ से अब हटा चाहता हूँ
कोशिश हुस्न की देखना चाहता हूँ
कोई दिल-सा दर्द आशना चाहता हूँ
रह-ए-इश्क़ में रहनुमा चाहता हूँ
तुझी से तुझे छीनना चाहता हूँ
ये क्या चाहता हूँ, ये क्या चाहता हूँ
ख़ताओं पे जो मुझको माइल करे फिर
सज़ा और ऐसी सज़ा चाहता हूँ
वो मख़मूर नज़रें वो मदहोश आँखें
ख़राब-ए-मुहब्बत हुआ चाहता हूँ
वो आँखें झुकीं वो कोई मुस्कुराया
पयाम-ए-मुहब्बत सुना चाहता हूँ
तुझे धूँढता हूँ त्री जुस्तजू है
मज़ा है ख़ुद गुम हुआ चाहता हूँ
कहाँ का करम और कैसी इनायत
"ंअजज़" अब जफ़ा ही जफ़ा चाहता हूँ