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\stitle{na raastaa na ko_ii Dagar hai yahaa.N}
\singers{Makhmoor Saeedi #2}



न रास्ता न कोई डगर है यहाँ
मगर सब की क़िस्मत सफ़र है यहाँ

सुनाई न देगी दिलों की सदा
दिमाग़ों में वो शोर-ओ-शर है यहाँ

हवाओं की उँगली पकड़ कर चलो
वसिल्ला इक यही मोतबर है यहाँ

न इस शहर-ए-बेहिस को सेहरा कहो
सुनो इक हमारा भी घर है यहाँ

पलक़ भी झपकते हो "ंअख्मोओर" क्यूँ
तमाशा बहुत मुख़्तसर है यहाँ