% masoom02.s isongs output
\stitle{dil ke ujale kaaGaz par ham kaisaa giit likhe.n}
\singers{Rahi Masoom Reza #2}
दिल के उजले काग़ज़ पर हम कैसा गीत लिखें
बोलो तुम को ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें
नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल
मेरे प्यासे होंठों पर हैं अंगारों के फूल
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें
कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल
लेकर हम निकले हैं अपनी आँखों के कश-कोल
हम बंजारे प्रीत के मारे क्या संगीत लिखें
शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम
जमुना जी की उँगली पकड़े खेल रहा है मधुबन
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत लिखें