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\stitle{na sochaa na samajhaa na siikhaa na jaanaa}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}



न सोचा न समझा न सीखा न जाना
मुझे आ गया ख़ुद्बख़ुद दिल लगाना

ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना
सिमट कर यहीं आ न जाये ज़माना

ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरें
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना

गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन
है दुश्वार काँटों से दामन बचाना

करो लाख तुम मातम-ए-नौजवानी
प 'मिर' अब नहीं आयेगा वोह ज़माना