% meer04.s isongs output
\stitle{dil kii baat kahii nahii.n jaatii, chup ke rahanaa Thaanaa hai}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}
दिल की बात कही नहीं जाती, चुप के रहना ठाना है
हाल अगर है ऐसा ही तो जी से जाना जाना है
सुर्ख़ कभू है आँसू होके ज़र्द कभू है मूँह मेरा
क्या क्या रंग मोहब्बत के हैं, ये भी एक ज़माना है
फ़ुर्सत है यां कम रहने की, बात नहीं कुछ कहने की
आँखें खोल के कान जो खोले बज़्म-ए-जहां अफ़्साना है
तेग़ तले ही उस के क्यूँ ना गर्दन डाल के जा बैठें
सर तो आख़िर्कार हमें भी हाथ की ओर झुकाना है